🚩🔱 ❄ «ॐ»«ॐ»«ॐ» ❄ 🔱🚩
※══❖═══▩ஜ ۩۞۩ ஜ▩═══❖══※
🌹🌟 राधे नाम संग हरि बोल 🌟🌹
※❖ॐ∥▩∥श्री∥ஜ ۩۞۩ ஜ∥श्री∥▩∥ॐ❖※
🌹❄श्री राधाकृष्ण लीलामाधुर्य❄🌹
🌹 श्रीराधा कृष्ण की मधुर-लीलाएँ :
🌹 श्रीसाँझी-लीला :
( गत ब्लाग से आगे )
श्रीकृष्ण-
(कबित्त)
हमहू हैं राधे जू के, हमैं अपनाय लेऔ,
ज्यौंब मुख-सुधाधर देखि-देखि जीजियै।
निकट बुलाय मोहि, दामन लगाय राखौ,
सखी हौ कुँवरि जू की, खुनस न कीजियै।
हारे तुम आगें, बन-द्रुम हैं तिहारे अब,
नागरिया दोऊ ओर रसघन भीजियै।
नीकें सनमान कछु करि रखवारन कौ,
पाछें बहु फूलनि सौं फूलन कौं लीजियै।।
अरी, हमहूँ तौ श्रीराधेजू के ही हैं। नैंक हमैं हू अपनाय लेऔ, जासौ हमहूँ इनको मुखचंद देखि-देखि कैं जियौ करैं। मोय अपने ढिंग बुलाय कैं अपने आँचल कौ छोर पकराय अपनौ आस्त्रित बनाय कै कूं राखौ। तुम तौ श्रीराधा कुँवरि की प्यारी सहचरी हौ, यातें मेरे प्रति मन में नैंक हू खुनस मत रखौ। अब हम तिहारे आगें हारि गए, यहाँ की सब वस्तु तिहारी ही है; परंतु नैंक दया करि हमारौ हू ध्यान राखौ। हम याकी रखवारी करैं हैं, यासौं कछू हमारौ हू सनमान कर्यौ चहिए। वैसैं तौ सब बस्तु आपकी ही हैं। जो चहियै, सोई लै जाऔ।
सखी-
(कबित्त)
फूल हैं हमारे, हम लैहिंगी पै, तुम्हैं कहा,
ऐपै ऐसौ टोकिवौ न कीजै, बलिहारी जू।
दीनता करत ब्रजराज के कुँवर! अब,
पहिलैं जे बातैं कहीं, ते सब बिसारीं जू।।
नीकें रहौ नागर, बिमन न होउ ताते,
ह्वै कैं निसंक दिसि आइयै हमारी जू।
बन के बिहारी, लीजै द्रुम रखवारी, वारी,
त्ह्यारी मनुहारन सौं हमारी प्यारी हारी जू।।
अजी बनमाली जी! ये फूल-फल तौ हमारे ही हैं; हम लेयँ, चाहैं न लेयँ। आज सौं पाछैं हमकूँ ऐसैं कबहू मत टोकियो। पहिलैं तौ आप बड़े बढ़ि-बढ़ि कैं बोलि रहे हे, अब वे बातैं सब छोड़ि दई; जब कछू बस न चल्यौ, तब दीनता करिबे लगे। अच्छौ, कोई बात नायँ; “जब जागे, तबहि सवेरौ।” अब आप उदास मत होउ, हमारी स्वामिनी जी बाग की रखवारी में आप कूँ जो कछु दैं, सोई लै लेओ।
( शेष आगे के ब्लाग में )
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🌹۞☀∥ राधेकृष्ण: शरणम् ∥☀۞🌹
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🌹: कृष्णा : श्री राधा प्रेमी : 🌹
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हारे तुम आगें, बन-द्रुम हैं तिहारे अब,
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नीकें सनमान कछु करि रखवारन कौ,
पाछें बहु फूलनि सौं फूलन कौं लीजियै।।
अरी, हमहूँ तौ श्रीराधेजू के ही हैं। नैंक हमैं हू अपनाय लेऔ, जासौ हमहूँ इनको मुखचंद देखि-देखि कैं जियौ करैं। मोय अपने ढिंग बुलाय कैं अपने आँचल कौ छोर पकराय अपनौ आस्त्रित बनाय कै कूं राखौ। तुम तौ श्रीराधा कुँवरि की प्यारी सहचरी हौ, यातें मेरे प्रति मन में नैंक हू खुनस मत रखौ। अब हम तिहारे आगें हारि गए, यहाँ की सब वस्तु तिहारी ही है; परंतु नैंक दया करि हमारौ हू ध्यान राखौ। हम याकी रखवारी करैं हैं, यासौं कछू हमारौ हू सनमान कर्यौ चहिए। वैसैं तौ सब बस्तु आपकी ही हैं। जो चहियै, सोई लै जाऔ।
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ह्वै कैं निसंक दिसि आइयै हमारी जू।
बन के बिहारी, लीजै द्रुम रखवारी, वारी,
त्ह्यारी मनुहारन सौं हमारी प्यारी हारी जू।।
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